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Amarnath Road Project: हर मौसम में अमरनाथ पहुंचना होगा आसान, सुरंग के साथ 22Km लंबा रोड बनाने की योजना

 

Amarnath Road Project: हर मौसम में अमरनाथ पहुंचना होगा आसान, सुरंग के साथ 22Km लंबा रोड बनाने की योजना


Amarnath All Weather Road Project: दस्‍तावेजों की मानें तो सभी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी (PMC) फर्मों को डिटेल प्रोजेक्‍ट र‍िपोर्ट (DPR) तैयार करने के ल‍िए 10 माह का वक्‍त द‍िया जाएगा. न‍िर्माण के पहले की जुड़ी तमाम गत‍िव‍िध‍ियों को दो माह के भीतर पूरा करना होगा. वहीं सड़क के न‍िर्माण में 60 माह यानी 5 साल का वक्‍त लगेगा. इस पूरे प्रोजेक्ट के न‍िर्माण के ल‍िए 5 साल का समय न‍िर्धार‍ित क‍िया गया है.



हाइलाइट्स

डिटेल प्रोजेक्‍ट र‍िपोर्ट (DPR) तैयार करने के ल‍िए 10 माह का वक्‍त
मंत्रालय ने प्रस्तावों के लिए अनुरोध (RFP) आमंत्रित क‍िए
13 फरवरी से शुरू होगी बोली, डेडलाइन 20 फरवरी न‍िर्धार‍ित की

र‍िपोर्ट-न‍िवेद‍िता स‍िंह

मरनाथ. अमरनाथ की यात्रा करने वाले तीर्थयात्र‍ियों को केंद्र सरकार (Central Government) और आसान बनाने जा रही है. केंद्र सरकार ने चंदनवाड़ी और संगम के बीच के 22 क‍िलोमीटर रूट पर लंबी सड़क बनाने का फैसला क‍िया है. इस रूट पर 11 क‍िलोमीटर ह‍िस्‍से पर सुरंग रोड भी तैयार की जाएगी जोक‍ि गणेश टॉप के अंतर्गत होगी. नई सड़क श्रीनगर शहर बायपास होते हुए लद्दाख और जम्मू के बीच एक वैकल्पिक मार्ग भी प्रदान करेगी. खास बात यह है क‍ि 22 क‍िलोमीटर लंबा यह रूट हर मौसम में तीर्थयात्र‍ियों के ल‍िए अनुकूल होगा.

केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने इस नए रूट को तैयार करने का ज‍िम्‍मा राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) को सौंपा है. NHIDCL की ओर से NH-501 के खानाबल-बालटाल सेक्‍शन पर ‘शेषनाग सुरंग’ का न‍िर्माण का ज‍िम्‍मा एनएचआईडीसीएल के पास है. केंद्र की इस बॉडी NHIDCL की ओर से प्रस्तावों के लिए अनुरोध (RFP) आमंत्रित क‍िए हैं. इसके ल‍िए बोली आगामी 13 फरवरी से शुरू होगी. इसके ल‍िए डेडलाइन 20 फरवरी, 2023 न‍िर्धार‍ित की गई है.

दस्‍तावेजों की मानें तो सभी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी (पीएमसी) फर्मों को डिटेल प्रोजेक्‍ट र‍िपोर्ट तैयार करने के ल‍िए 10 माह का वक्‍त द‍िया जाएगा. वहीं इस न‍िर्माण के पहले की जुड़ी तमाम गत‍िव‍िध‍ियों को दो माह के भीतर पूरा करना होगा. इस सभी को पूरा करने में 2 माह लगने का अनुमान है. वहीं सड़क के न‍िर्माण में 60 माह यानी 5 साल का वक्‍त लगेगा. इस पूरे प्रोजेक्ट के न‍िर्माण के ल‍िए 5 साल का समय न‍िर्धार‍ित क‍िया गया है.

बताते चलें क‍ि जम्मू और कश्मीर में अनंतनाग जिले के ऊपरी इलाकों में समुद्र तल से 13,000 फीट की ऊंचाई पर अमरनाथ पर्वत पर अमरनाथ मंदिर स्थित है. अमरनाथ गुफा मंद‍िर के दर्शन करने के ल‍िए श्रद्धालु केवल पैदल या एक टट्टू के जर‍िए ही पहुंचा सकते हैं. लिड्डर घाटी (Lidder Valley) के आख‍िर में एक संकीर्ण घाटी में हिमालय के अंदर स्थित अमरनाथ गुफा मंद‍िर तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों से होकर गुजरना होता है. मंद‍िर तक पहुंचने वाले मार्ग पर बेहद ही कठ‍िनाई होती है. इसल‍िए अमरनाथ यात्रा मार्ग को जुलाई-अगस्त के आसपास श्रावण के महीने में ही जनता के लिए खोला जाता है

पहलगाम से करीब 40-45 किलोमीटर और बालटाल से 15 किलोमीटर दूर स्‍थ‍ित मंद‍िर का बालटाल मार्ग (Baltal Route) छोटा है. लेकिन खड़ी चढ़ाई होने के कारण लोगों को बड़ी परेशानी भी होती है. जबकि पहलगाम मार्ग (Pahalgam Route) लंबा जरूर है ले‍क‍िन श्रद्धालुओं के ल‍िए मंद‍िर तक पहुंचने को आसान रास्‍ता है. बालटाल मार्ग को एक दिन में कवर किया जा सकता है. लेकिन पहलगाम मार्ग के लिए कम से कम चार दिनों की आवश्यकता होती है. इस रास्‍ते में श्रद्धालु चंदनवाड़ी (Chandanwari), शेषनाग (Sheshnag) और पंचतरणी (Panchtarani) में रात का ठहराव कर सकते हैं.


इस बीच देखा जाए तो अमरनाथ यात्रा के दौरान कई श्रद्धालुओं की यात्रा के रास्‍ते में ही मृत्‍यु भी हो जाती है. प‍िछले साल 2022 में अमरनाथ में अचानक आई बाढ़ के कारण 15 श्रद्धालुओं की जान भी चली गई थी. अन्‍य प्राकृत‍िक कारणों की वजह से भी 42 तीर्थयात्र‍ियों की मौत हुई. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2016 से 2019 के बीच अमरनाथ यात्रा के दौरान करीब 107 लोगों की मौत हो चुकी है.

MoRTH के एक अधिकारी का कहना है क‍ि सड़क न‍िर्माण प्रोजेक्‍ट न‍िर्माण का खास मकसद श्रद्धालुओं को हर मौसम में यानी 12 माह कनेक्‍ट‍िव‍िटी देना है.

अधिकार‍िक सूत्रों के मुताब‍िक इस सड़क का नि‍र्माण इस तरह से क‍िया जाएगा क‍ि वह हर मौसम में कनेक्‍ट‍िव‍िटी प्रदान कर सकेगी. इससे अमरनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं का आवागमन सुगम और आसान बन सकेगा. इतना ही नहीं इस रोड के तैयार होने के बाद जम्मू से लद्दाख की ओर जाने वाले यात्रियों को श्रीनगर शहर के बायपास जाने की भी अनुमति होगी. यह उनके लिए वैकल्पिक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो कागजी कार्रवाई में करीब दो साल लगेंगे और उसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.

Tags: Amarnath YatraCentral governmentJammu kashmir news



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